




कोरबा जिले के कटघोडा राहुल गांधी के पद यात्रा में हाथी सबका साथी आयोजक सजल मधु राहुल गांधी से चर्चा करते हुए कहा कि धरमजयगढ़ 5वीं अनुसूची क्षेत्र के घने जंगल, 52 ग्राम पंचायत के आदिवासी, तथा हाथियों के गलियारों को सुरक्षित रखने के लिए हम ग्रामवासीयों की ओर से आप छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिला वन मंडल धरमजयगढ़ के कुल रकबा 173441.9 हे0 वन भूमि में से वन परिक्षेत्र छाल और वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ के कुल रकबा मात्र 36041.771 हे0 वन भूमि क्षेत्र को हाथी प्रभावित क्षेत्र घोषित करवायें तथा प्रस्तावित इन 2 वन परिक्षेत्र में एस0ई0सी0एल0, दुर्गापुर 2 सरिया, दुर्गापुर 2 तराईमार (कर्नाटक पाॅवर) नीलकंठ शेरबन कोल ब्लाॅक और अडानी पुरूंगा ओपन कोल ब्लाॅक को निरस्त कराते हुये नये 12 कोल ब्लाॅक की नीलामी के सभी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के लिए उचित कार्यवाही कराने की मांग की ताकि 5वीं अनुसूची क्षेत्र में बेजुबान जंगली हाथियों, घने जंगल तथा 52 ग्राम पंचायत के आदिवासी सुरक्षित रह सके।
आखिर वन मंडल धरमजयगढ़ के दो रेन्जो को सुरक्षित रखने की आवाज किउ गूंज रही है
छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिला के वन मण्डल धरमजयगढ़ के वन परिक्षेत्र छाल तथा वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ का कुल रकबा 36041.771 हे0 वन भूमि है। उक्त दोनों वन परिक्षेत्र में घने जंगल तथा माण्ड नदी उपस्थित है लगभग 50 किलोमीटर की लंबाई में माण्ड नदी फैला हुआ है, इस मांड नदी का पानी सालों भर बहते देखा जाता है, सभी जंगली जानवर इसी पानी पर निर्भर है उक्त क्षेत्र में ओपन कोयला खदान की नीलामी कर खनन करने की स्थिति में कोयले के गंदे डस्ट से मांड नदी बिल्कुल प्रदूषित हो जाएगा जिसमें जंगली जानवरों को भारी नुकसानों का सामना करना पड़ेगा, उक्त जानवरों की बीमारी से मौत भी होगा वही वन मंडल धरमजयगढ़ के वन परिक्षेत्र छाल तथा वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लेमरू के तहत् हाथियो की सुरक्षा तथा जनहानि को रोकने के लिए कई निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। वन परिक्षेत्र छाल एवं वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ हाथी प्रभावित क्षेत्र घोषित करवायें ताकि जंगल संहित जंगली हाथियों को सुरक्षित स्थान मिल सके।
हाथियो के आशियाने में 17 कोल ब्लॉक
छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिला के वन मण्डल धरमजयगढ़ में दिनांक 21-12-2001 से आज दिनाँक तक 159 ग्रामीणों का मृत्यु हाथियों के कुचलने से अब तक हो चुका है। सबसे अधिक हाथियों से ग्रामिणों की मृत्यु वन परिक्षेत्र छाल तथा वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ में अब तक 109 ग्रामीणों का मृत्यु जंगली हाथियों के कुचलने से हो चुका है, इससे हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रस्तावित क्षेत्र में ओपन कोयला खदान के नीलामी कर खनन करने कि स्थिति में जंगल सहित जंगली हाथियो के लिए कितना घातक साबित होगा।
वही वन मंडल धरमजयगढ़ में दिनांक 03-12-2005 से आज दिनाँक तक 64 जंगली हाथियो का मृत्यु हो चुका है, सबसे अधिक हाथियों की मृत्यु वन परिक्षेत्र छाल तथा वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़़ में अब तक 54 हाथियो का मृत्यु अलग-अलग कारणों से हो चुका है, इन दोनों परिक्षेत्र में बड़े पैमाने में घने जंगल हैं, और हाथियों का रहवास क्षेत्र बन चुका है।
दिल्ली लोक सभा मे गूंजेगी हाथियो की गूंज-राहुल गांधी
कोरबा जिले के कटघोड़ा में राहुल गांधी के पद यात्रा में हाथी सबका साथी आयोजक सजल मधु ग्रामीणों के साथ मिल कर वन मंडल धरमजयगढ़ के छाल रेंज और धरमजयगढ़ रेंज में प्रस्तवित 5 कोल ब्लॉक को निरस्त और 12 कोल ब्लॉक की नीलामी को रोक लगाने को लेकर ग्रामीणों को भरोसा दिलाया और कहा की संसद में आप ग्रामीणों की आवाज उठेगी और तत्काल अपने निजी सचिव को ग्रामीणों द्वारा दिये गए आवेदन तैयार करने की बात कही।
हाथियो की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय मंत्रियो को लिखे गए पत्र नही हुई अब तक कोई कार्यवाही
धरमजयगढ़ में हाथियो की सुरक्षा को लेकर एक हफ्ते का हस्ताक्षर अभियान चला कर दिनाँक 7 मार्च 2023 को अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,श्री प्रहलाद जोशी मंत्री कोयला मंत्रालय भारत सरकार,श्री एस.पी.यादव,ए.डी.जी. पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, माननीय राज्यपाल महोदय नया रायपुर(छ.ग.)श्री रमेश कुमार पांडेय वन संरक्षण (एफ.सी)भारतीय वन सेवा संयुक्त सी.ई.ओ.कैम्पा परियोजना हाथी(पी.ई.)पर्यवरण वन एवं जलवायु मंत्रालय भारत सरकार और श्री भूपेंद्र यादव मंत्री पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार में किये गए लिखित शिकायत में एक मात्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सचिव को पत्र से अगवत कराते हुए सिकायत कर्ता को बुला कर कार्यवाही करने की बात कही गई परंतु आज तक हाथियो की सुरक्षा को लेकर कोई भी केंद्रीय मंत्रियो द्वारा कोई भी कार्यवाही नही किया गया।