




रायगढ़ । सोमवार को रायगढ़ में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की गई। कई बार चेतावनी देने के बाद जब कब्जा नहीं हटाया गया तो जेसीबी चला दी गई। सवाल यह है कि जिले में क्या सिर्फ रायगढ़ शहर में ही अतिक्रमण है? आखिर दूसरे तहसीलों में या निकाय क्षेत्रों में कार्रवाई क्यों नहीं होती। इसकी जानकारी टटोली गई तो पता चला कि लैलूंगा, धरमजयगढ़, खरसिया, घरघोड़ा और पुसौर में भी सरकारी जमीनें कब्जाई जा चुकी हैं। अतिक्रमण पर कार्रवाई को लेकर अब पूरे जिले में आवाज उठ रही है। प्रशासन का फोकस केवल रायगढ़ शहर पर ही है।सोमवार को एसडीएम, सीएसपी और तहसीलदार की संयुक्त टीम ने कई क्षेत्रों से अवैध कब्जे हटाए हैं। ऐसे अतिक्रमण दूसरे तहसील मुख्यालयों में भी हैं। वहां कितनी कार्रवाई की गई, यह पूछा गया तो जवाब निरंक मिला। बड़ी हैरानी की बात है कि धरमजयगढ़, खरसिया, घरघोड़ा, लैलूंगा और पुसौर में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण होने के बावजूद कोई कार्रवाई ही नहीं की गई। खरसिया में नपा क्षेत्र और शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्र में बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे हैं।अतिक्रमण के मामले में प्रशासन केवल रायगढ़ शहर की ही समीक्षा करता है। घरघोड़ा में भी लोगो ने अपनी निजी जमीन से लगी सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर लिए हैं। पुसौर में तो और भी बुरा हाल है। बढ़ते बाजार की जद में मुख्य सड़क आ गई है। पुसौर में रोड कि ऊपर तक दुकानें आ चुकी हैं। बाजार पड़ाव में भी कई लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। साप्ताहिक बाजार के दिन जाम भी लग जाता है।
सौ से ज्यादा जगहों की सूची
अतिक्रमण हटाने का अभियान केवल रायगढ़ में ही चल रहा है। बाकी शहरी क्षेत्रों में इसका नामोनिशान नहीं है। कहीं किसी दूसरे एसडीएम या तहसीलदार ने एक भी कार्रवाई नहीं की है। इस कारण सरकारी जमीनें कब्जाने का खेल जारी है। लैलूंगा, धरमजयगढ़, खरसिया और घरघोड़ा एसडीएम की ओर से किसी कार्रवाई की जानकारी नहीं मिली है।वही धरमजयगढ़ मै भी बड़ा बुरा हाल है आज भी शासकीय कब्जे की भूमि में से स्थानीय प्रशासन इसे हटा पाने में नाकामयाब साबित हुआ है