ऑपरेशन लोटस: एग्जिट पोल ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता, क्रिकेट के बहाने रायपुर बुलाए सभी प्रत्याशी, चार्टर प्लेन भी बुक..!
छत्तीसगढ़ के एग्जिट पोल से आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं उत्साहित हैं, लेकिन प्रदेश के आला नेताओं की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को मामूली बहुमत की स्थिति में ऑपरेशन लोटस का खतरा दिखने लगा है। ऐसे में पार्टी संगठन अभी से अलर्ट हो गया है। विधायकों को बचाने के लिए कई तरह की रणनीति बनाई गई है।
एग्जिट पोल में से आधे से ज्यादा ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के संकेत दिए हैं। पहले से अपनी सरकार बनाने को लेकर कॉन्फिडेंट कांग्रेस एग्जिट पोल में अपनी संख्या को लेकर थोड़ी सोच रही है। हालांकि उसे यकीन है कि वो आराम से बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। फिर भी किसी तरह की ऊंच-नीच होने पर उसे हार्स ट्रेडिंग का डर भी सता रहा है। इससे बचने के लि पार्टी की तरफ से अभी से किलाबंदी शुरू कर दी गई है। चर्चा है कि कांग्रेस ने अपने सभी प्रत्याशियों को क्रिकेट मैच के बहाने रायपुर बुलाया है, यहां एक मिटिंग भी होगी।
इसके साथ ही पार्टी की तरफ से अपने सभी प्रत्याशियों से कहा है कि वे चुनाव जीतने के बाद सर्टिफिकेट लेकर सीधे राजधानी रायपुर पहुंचें। कहा जा रहा है कि रायपुर पहुंचने के बाद सभी प्रत्याशियों को एक साथ कर्नाटक में शिफ्ट किया जा सकता है। चूंकि 3 दिसंबर को शाम, रात तक नतीजे आएंगे, इस लिहाज से देर रात तक सर्टिफिकेट लेने के बाद या दूसरे दिन सुबह सभी विधायक रायपुर पहुंच जाएंगे। रायपुर पहुंचने पर नवनिर्वाचित विधायकों को एक आलीशान होटल में ठहराया जाएगा। कांग्रेस के बड़े नेता और जीते हुए उम्मीदवारों को बेंगलुरू ले जाने की सारी तैयारी हो चुकी है। दावा है कि कांग्रेस ने 72 सीटर चार्टर्ड प्लेन भी बुक करा लिया है। कर्नाटक कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित जगह है, क्योंकि वहां कांग्रेस की सरकार है।
बीजेपी-कांग्रेस में इस बार मुकाबला काफी कड़ा रहा है। राजनीतिक पार्टियां भी इस तैयारी में हैं कि अगर जीत-हार का आंकड़ा बड़ा नहीं हुआ तो विधायकों को सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है। इस तैयारी में कांग्रेस ज्यादा अलर्ट नजर आ रही है। 2018 में कांग्रेस ने 68 सीटें हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार कांग्रेस की सीटें कम होने जा रही हैं। हालांकि पार्टी का दावा है कि वे 75 पार करेंगे। लेकिन पार्टी के तमाम नेता दबी जबान से ये स्वीकार करते हैं कि वे 55 के आसपास रहेंगे। फिर एक्जिट पोल जिस तरह आया है, उससे भी ये साफ हो गया है कि इस बार स्थितियां कांग्रेस के पक्ष में इतनी अनुकूल नहीं हैं। अगर कांग्रेस 46 से 55 के बीच रही तो हॉर्स ट्रेडिंग का खतरा बढ़ जाएगा। यही वजह है कि बार-बार आपरेशन लोटस को लेकर कांग्रेस नेता बयान देने लगे हैं। मध्यप्रदेश में 2018 में कांग्रेस ने अपनी सरकार बना ली थी। लेकिन डेढ़ साल बाद ही कुछ विधायक कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। फिर महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आपको याद दिला दें कि छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला था। इसके बाद सीएम पद के लिए भूपेश बघेल के समर्थन में विधायक दिल्ली रवाना हुए थे। वे बस में बैठकर एयरपोर्ट के लिए निकले थे।
दिल्ली में आला नेताओं से मिले भूपेश बघेल
नतीजे आने से चार दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली के दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कोषाध्यक्ष अजय माकन समेत कई नेताओं से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की जीत की स्थिति और जीतने के बाद की स्थिति को लेकर रणनीति पर बात हुई। जाहिर है इसी दौरान हार्स ट्रेडिंग से बचने के लिए पार्टी ने अपना सारा प्लान तैयार किया होगा। लेकिन इस मुद्दे पर कोई खुलकर कहने को तैयार नहीं है।