धरमजयगढ़ । धरमजयगढ़ के मांड नदी में स्थित डोंगा घाटतट के तट पर आज नगर के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उदित होते भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की. चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सोमवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें,
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ समापन
इसके पहले व्रतियों ने भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया था. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालुओं का व्रत संपन्न हो हुआ
इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर ‘पारण’ किए हिंदू परंपरा के अनुसार, कार्तिक और चैत्र माह में छठ व्रत का आयोजन होता है. इस दौरान व्रती भगवान भास्कर की अराधना करते हैं.