- नई औद्योगिक नीति में किए बदलाव, सारंगढ़ और बरमकेला को भी किया बाहर, उद्योग विभाग में हो चुका है घोटाला
रायगढ़, 23 नवंबर। राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति का ऐलान कर दिया है। रायगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले को इससे झटका लगा है। रायगढ़ जिले में अब राइस मिल लगाने पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। पूर्व में उद्योग विभाग में सब्सिडी को लेकर कई अनियमितताएं भी हुई हैं।मिल स्थापित कर सब्सिडी का लाभ लेने वालों ने सरकारी खजाने का जमकर दोहन किया है। रायगढ़ जिले के पुसौर और पूर्व में सारंगढ़-बरमकेला तहसील में जमकर लाभ उठाया गया। 40 लाख की लागत को दोगुना करके दिखाया गया ताकि सब्सिडी मिल सके। सरकार 35-38 प्रश छूट दे रही थी जिसकी वजह से राइस मिल में कारोबारियों की बहुत कम रकम लगती थी। इस वजह से राइस मिलों की बाढ़ आ गई थी। जितना धान उपार्जन होता है उससे दोगुनी क्षमता के मिल स्थापित हो चुके हैं। पिछले पांच साल में बरमकेला और पुसौर क्षेत्र में अनगिनत मिल लग चुके हैं, लेकिन अब इसे हटा दिया गया है। वर्ष 2024-2030 की औद्योगिक नीति का ऐलान कर दिया गया है। इसमें कई बदलाव कर दिए गए हैं। सामान्य और थ्रस्ट सेक्टर में भी परिवर्तन है।मिलों को सामान्य सेक्टर में रखा गया है। सभी जिलों में विकासखंडों को तीन वर्गों में बांट दिया गया है। राइस मिलों के वर्तमान घनत्व को देखते हुए नवीन इकाई, विस्तार, आधुनिकीकरण, प्रतिस्थापन करने पर केवल वर्ग तीन के विकासखंडों में ही प्रोत्साहन मिलेगा। मतलब वर्ग तीन में जो ब्लॉक रखे गए हैं, वहां मिल लगाने पर ही सब्सिडी आदि का लाभ मिलेगा। रायगढ़ जिले के सात ब्लॉकों में वर्ग तीन में कोई भी नहीं है। वर्ग एक में रायगढ़ ब्लॉक और अन्य वर्ग दो में रखे गए हैं। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में केवल बिलाईगढ़ ब्लॉक वर्ग तीन में है। सारंगढ़ और बरमकेला को वर्ग दो के अंतर्गत रखा गया है।
सब्सिडी में हुआ बड़ा खेल
उद्योग विभाग ने बीते दस सालों में राइस मिलों के लिए तिजोरी खोल दी थी। किसी ने 60 लाख की सब्सिडी ली तो किसी ने 90 लाख की। किसी राइस मिल के लिए डेढ़ करोड़ की भी लागत दिखाई गई। जो सर्टिफिकेट और जानकारी उद्योग विभाग को दी गई उससे अलग निर्माण किया गया। सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया गया। अधूरे मिलों के लिए भी सब्सिडी पास कर दी गई।