टीबी मरीजों को जागरुक करने एवं नियमित दवाई खाने के लिए करें प्रोत्साहित
कलेक्टर श्री गोयल ने मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, टीबी मरीजों को किया गया फूड बॉस्केट का वितरण
रायगढ़, 7 दिसम्बर 2024/ कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने आज जिला अस्पताल परिसर से ‘निक्षय-निरामय छत्तीसगढ़’ 100 दिवसीय जांच व उपचार अभियान के दौरान लोगों में जागरूकता व टीबी जांच हेतु संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट व प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा अभियान के दौरान चिन्हांकित किए गए जोखिम समूहों की टीबी हेतु स्पॉट स्क्रीनिंग की जाएगी। जिससे संदेहास्पद टीबी मरीजों का स्पॉट पर ही टीबी रोग का पता लगाया जा सकेगा। मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा ए.आई. तकनीक से हैंड हेल्ड एक्स रे, सी-वाय टीबी जांच व 16 चैनल वाले ट्रूनाट मशीन से टीबी के संभावित मरीजों की तुरंत एक्स-रे द्वारा जांच एवं उपचार किया जाएगा।
कलेक्टर श्री गोयल ने कहा कि टीबी उन्मूलन के तहत यह कार्यक्रम किया जा रहा है। हमें देश को टीबी मुक्त करना है। जिसके लिए हमारे पास पर्याप्त दवाइयां है और हमारा कार्य है इसे आपको नि:शुल्क उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि टीबी डोज का लंबा होता है, कभी छोड़ देते या छूट जाता है, लेकिन आपको दवाईयां नियमित लेना होगी। शासन द्वारा 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के लिए रणनीति बनाई गई है। जिले में 1700 से अधिक टीबी ग्रस्त मरीज है, हमें अन्तिम व्यक्ति को फोकस कर टीबी बीमारी को खत्म करना होगा तभी भारत टीबी मुक्त होगा। उन्होंने टीबी मरीजों से कहा कि टीबी की दवाओं का नियमित रूप से उपयोग करें साथ ही सही पोषण ले।
कलेक्टर श्री गोयल ने मितानिनों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जब आजाद हुआ तब हमारी औसत जीवन काल कम थी, लेकिन आज वह बढ़ चुकी है। इसका सबसे बड़ा कारण हमारे देश शासकीय स्वास्थ्य विभाग है। जिसमें डॉक्टर एवं जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली मितानिनों का महत्वपूर्ण योगदान है। स्वास्थ्य विभाग के मितानिन जो ग्रामीण स्तर पर अपनी सेवाएं देती है, उन्होंने पोलियो, हैजा, उल्टी दस्त जैसे विभिन्न बीमारियों को जड़ से खत्म करने में विशेष सहयोग दिया। उन्होंने कहा कि जब बच्चा पैदा होता है तो बच्चे एवं मां का जीवन बचाने के साथ ही 5 साल तक उनका ध्यान रखना मितानिनों द्वारा बखूबी किया जा रहा है जो सराहनीय है।
उन्होंने मितानिनों से कहा कि हमें टीबी को खत्म करने के लिए भी इसी तरह मेहनत करनी होगी। बेहतर कार्य योजना के साथ कार्य करते हुए टीबी के मरीज को जागरुक कर नियमित दवाई खाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि देश को टीबी मुक्त कर सके।
इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ.चंद्रवंशी, सिविल सर्जन डॉ.दिनेश पटेल, डॉ.एच.एस.उरांव, कार्यक्रम नोडल डॉ. टी.जी.कुलवेदी, डॉ.जयकुमार चौधरी, डीपीएम सुश्री रंजना पैंकरा, श्री सुरेश गुप्ता, डॉ.पी.के गुप्ता, डॉ अनिल कुशवाहा, डॉ अजय पटेल, जिंदल फाउण्डेशन से श्री रोचक भारद्वाज, श्री रविन्द्र घई सहित शहरी मितानिन समन्वयक एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
टीबी मरीजों को किया गया फूड बास्केट का वितरण
जिंदल फाउण्डेशन पतरापाली रायगढ़ द्वारा टी.बी उपचारत मरीजों को अतिरिक्त पोषण के रूप में 25 हितग्राहियों को फूड बास्केट वितरण किया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने सभी उच्च जोखिम वाले समूहों के मरीजों को नियमित दवाई सेवन के साथ ही पौष्टिक आहार लेने को कहा। उन्होंने मितानिनों को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिले के संदेहास्पद या टीबी ग्रसित, कुष्ठ उन्मूलन हेतु मरीजों को चिन्हाकिंत कर उनके समुचित उपचार व स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए।
चार चरणों में आयोजित होंगे गतिविधियां
‘निक्षय-निरामय छत्तीसगढ़’ 100 दिवसीय जांच व उपचार अभियान चार चरणों में आयोजित किये जायेंगे। जिसमें प्रथम चरण 07 दिसंबर से 22 दिसंबर 2024 तक प्रचार-प्रसार, जन भागीदारी गतिविधियां, घर-घर सर्वे एवं उच्च जोखिम एवं टी.बी, कुष्ठ , शंकास्पद, वयोवृृद्व व्यक्ति की सूची बनाना। इसी तरह द्वितीय चरण-23 दिसंबर से 28 फरवरी 2025 तक मलेरिया हेतु मापअप गतिविधि एवं फालोअप, एक्स-रे हेतु मोबिलाइजेशन, टीबी सैंपल संग्रहण एवं जांच, तीसरा चरण-1 से 15 मार्च तक स्वास्थ्य शिविर, सहायक उपकरणों की पुष्टि, एवं चतुर्थ चरण-16 से 23 मार्च 2025 तक अंतिम रिर्पोटिंग संकलन करते हुए स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा।