




रायपुर. छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के एक सहकारी शक्कर कारखाना में ठेकेदारों और अधिकारीयों की मिलीभगत से नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां टेंडर प्रावधानों को दरकिनार कर मनमर्जी से पदोन्नति और वेतन बढ़ोतरी का खेल जारी है. वहीं ठेका कंपनी केस्टेक और ओम एंटरप्राइजेस पर ठेंगा दिखाककर शोषण करने का आरोप है.दरअसल, पण्डरिया वि.ख. के ग्राम विशेषरा स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमों के खिलाफ ऊंचे पदों पर प्रमोशन दिया जा रहा है. ठेका श्रमिकों को टेंडर रेट के अनुसार भुगतान करने के बजाए एक तरफ कुछ को मनमाने तरीके से मोटी रकम दी जा रही है. वहीं कुछ को कम वेतन पर रखा जा रहा है. केस्टेक कंपनी और ओम एंटरप्राइजेस पर श्रमिकों का शोषण करने और ठेका शर्तों की अवहेलना करने के आरोप लगे हैं.

विनीत सिंह ठाकुर – 11,400 रूपये वेतन पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में भर्ती, फिर नियमों को तोड़ते हुए दो साल में 40,000 रूपये सैलरी पर कंप्यूटर प्रोग्रामर बना दिया गया.
सतानंद साहू – 10,000 रूपये वेतन पर भर्ती, फिर बिना किसी प्रक्रिया के 25,000 रूपये तक प्रमोशन दिया गया.
मोहन द्विवेदी – 11,000 रूपये पर भर्ती, फिर लेखापाल के पद पर प्रमोशन देकर 20,000 रूपये सैलरी.
संजय कुमार राठौर – 10,000 रूपये पर भर्ती, फिर 14,000, 15,000 और 18,000 रूपये तक सैलरी बढ़ाई गई. अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर ठेकेदार मनमानी संभव नहीं : शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता संजय कुमार राठौर ने कहा कि अधिकारियों की मिली भगत के बगैर ठेकेदार मनमानी कार्य संभव नहीं है. इसमें अधिकारी और ठेकेदार दोनों की मिलीभगत है. ठेका नियमानुसार कर्मचारियों को भुगतान नहीं हो रहा है. चेहरा देखकर पदों का आवंटन हो रहा है. जिन लोगों के पास जिस पद के लिए योग्यता नहीं है, डिग्री नहीं हैं, अनुभव नहीं है. वहां बैठकर निर्धारित दर से कम राशि देकर काम लिया जा रहा है. कांग्रेस सरकार में इसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री के जनदर्शन में किया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. विभागीय मंत्री का पास भी शिकायत लेकर पहुंचे थे. फिर भी किसी ने ध्यान नहीं दिया, जो भी वहां जाते हैं उनको मैनेज कर लिया जाता है. कार्रवाई नहीं होती है, इसलिए अब मैं BJP सरकार से उम्मीद है कि इस भ्रष्टाचार करप्शन को रोके और जिम्मेदारों पर कार्रवाई करे. जब मैं इन मुद्दों पर सवाल किया तो मुझे नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है.