




तीन हाथियों की मौत के बाद हो रहे कई खुलासे, डेढ़ महीने पहले हुई संयुक्त बैठक में हाथियों की मौत रोकने के दिए थे कड़े निर्देश
रायगढ़, 28 अक्टूबर। रायगढ़ वनमंडल के चुहकीमार नर्सरी में 11 केवी बिजली तार के संपर्क में आकर तीन हाथियों की दर्दनाक मौत ने दो विभागों की कथनी-करनी सामने रख दी है। केवल कहने के लिए हाथियों का संरक्षण होता है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ने कहा था कि प्रतिबंधित क्षेत्र में अंडरग्राउंड विद्युत लाइन बिछाई जानी है। तमनार में तीन हाथियों की मौत कोई साधारण दुर्घटना नहीं है, यह बताता है कि कैसे विद्युत विभाग और वन विभाग लापरवाही से काम करते हैं।

चुहकीमार स्थाई रोपणी में 11 केवी का तार खंभे से बहुत नीचे गुजरा था। हाथियों का दल जब इधर से गुजरा तो एक मादा हाथी, एक नर युवा हाथी और एक शावक करंट की चपेट में आ गए। तीनों की मौत हो गई। प्रदेश में हाथियों की मौतों को लेकर नितिन सिंघवी नामक पर्यावरण कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें 3 अक्टूबर को एक आदेश आया है। इस आदेश में दोनों विभागों की पोल खोल दी गई है। इसकी सुनवाई के दौरान हाथियों के संरक्षण के संबंध में कई ऐसे नियम-कानूनों की जानकारी मिली, जिनका पालन किया ही नहीं गया। करंट से हाथियों की लगातार मौत के कारण सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ने इसकी समीक्षा की। सीईए ने 8 जून 2023 को एक अधिसूचना जारी की है, जिसके मुताबिक 33 केवी या उससे कम की विद्युत लाइनें अगर संरक्षित क्षेत्र से होकर गुजर रही हैं तो इसमें अंडरग्राउंड केबल का इस्तेमाल करना चाहिए।
नितिन सिंघवी की पीआईएल पर सुनवाई के दौरान तत्कालीन विशेष सचिव ऊर्जा सुनील कुमार जैन ने अदालत को बताया था कि सीईए की अधिसूचना पर ईडी सीएसपीडीसीएल को 23 फरवरी 2024 को पत्र भी जारी किया गया था। इस आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
1316 जगहों की हुई थी पहचान
सीईए के नोटिफिकेशन और हाईकोर्ट में जनहित याचिका के मद्देनजर विद्युत विभाग और वन विभाग दोनों की संयुक्त बैठक भी हुई। प्रदेश के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे 1316 लूज प्वाइंट्स की पहचान की गई जहां विद्युत विभाग को सुधार करना था। इसमें से केवल 161 जगहों पर ही सुधार किया गया है। यह काम भी रायगढ़ में नहीं किया गया। रायगढ़ वनमंडल में तो ठीक से सर्वे तक नहीं किया गया। 11 सितंबर 2024 को ही यह बैठक हुई है। मतलब सीईए की अधिसूचना और हाईकोर्ट के निर्देशों पर भी दोनों विभागों ने अमल नहीं किया।