




पोरिया धरमजयगढ़: रायगढ़ से 110 किलोमीटर दूर प्रकृति का एक अनोखा रुप देखने को मिलता है. पोरिया गांव के पास छाता नदी पर एक जलप्रपात का निर्माण हुआ है. जिसे लोग सलिहारी ,काटनखर्रा जलप्रपात के नाम से जानते हैं

.इस जगह पर जलप्रपात 105 फीट ऊंचे पहाड़ से नीचे गिरता है.जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं. 105फीट की ऊंचाई से जब पानी नीचे गिरते हुए पत्थरों से टकराता है तो मानो ऐसा लगता है कि जैसे संगीत की कोई धुन बज रही हो.

// // प्रकृति प्रेमियों को सलिहारी देता है सुकून : सलिहारी जलप्रपात का पानी इतना साफ है कि लोग इसे देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. इस जलप्रपात को देखने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं. यहां चट्टानों से टकरा कर गिरता पानी दूध की तरह सफेद दिखता है. जो किसी भी पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है. इसके आसपास के घने जंगल इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. अगर आप प्रकृति प्रेमी है तो आपको एक बार जरुर सलिहारी जलप्रपात आना चाहिए.

पर्यटकों को लुभाता है सलिहारी जलप्रपात : रायगढ़ जिले से वाटरफॉल देखने आए पर्यटक मनिष कुमार पटेल ने कहा कि यहां आकर अच्छा लग रहा है. बहुत ही सुंदर जगह है. यह बहुत ही अद्भुत जगह है.लेकिन रास्ते की हालत ठीक नहीं होने के कारण यहां तक लोगों को आने में दिक्कत होती है.वहीं जांजगीर-चांपा से आए एक पर्यटक ने इस जगह को काफी खूबसूरत बताया.पर्यटकों की माने तो सलिहारी जलप्रपात सुकून जरुर देता है.लेकिन इस जगह पर कई सारी सुविधाओं की कमी है.जैसे मोबाइल नेटवर्क नहीं होने पर कभी भी हादसा होने पर वक्त पर मदद नहीं मिलती.
जंगल के बीच में झरना :अक्सर आपने किसी फिल्म में घने जंगल के बीच में बड़े झरने को गिरते देखा होगा.लेकिन सलिहारी जलप्रपात आपको फिल्मी सीन से भी ज्यादा अच्छा लगेगा.जब घने जंगलों के बीच से होता हुआ पानी ऊंचे पहाड़ से नीचे गिरता है तो पूरा माहौल दूधिया हो जाता है.कई लोगों को यहां आकर शांति और सुकून मिलता है.

स्थानीय लोगों सुविधाएं बढ़ाने की कर रहे मांग : स्थानीय लोगों की माने तो सलिहारी जलप्रपात हमारे रायगढ़ और कोरबा दोनों ही जिले की एक शान है. ग्रामीण पर्या विकास अनुसंधान संस्थान द्वारा एवं जिला स्तरीय पर्यटन समिति द्वारा यहां के विकास हेतु प्रयास जारी हैं और पोरिया से सलिहारी फाल तक 4 किमी सड़क मार्ग निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। दूर-दूर से टूरिस्ट यहां पर आते हैं. लेकिन टूरिस्ट की सुरक्षा एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.स्थानीय लोगों की माने तो फाल के ऊपर जाने पर कई बार हादसा होते होते बचा है. लोग पिकनिक मनाने आते हैं,लेकिन खतरे को नहीं जानते.इसलिए यहां सुरक्षा को लेकर इंतजाम बढ़ाने चाहिए.ताकि लोगों की जान ना जाए.आपको बता दें कि सलिहारी जलप्रपात के क्षेत्र को यहां के रहवाले अपने इष्ट देव का स्थान मानते हैं. कैसे पहुंचे सलिहारी जलप्रपात ? :

सलिहारी जलप्रपात के करीब काफी ज्यादा मात्रा में बड़े बड़े पत्थरों का समूह है. इसलिए बारिश के समय सतर्कता बरतने की जरूरत है, क्योंकि पत्थर काफी फिसलन भरे है. वैसे तो गर्मी के दिनों में पानी कम होने पर लोग झरने के नीचे जाकर नहाने लगते है लेकिन इन दिनों नहाना खतरा बन सकता है.सलिहरी जलप्रपात आने के लिए आपको निजी वाहन का इस्तेमाल करना होगा.नजदीकी रेलवे स्टेशन रायगढ़ खरसिया है जहां से चार पहिया वाहन कर पोरिया गांव तक जाया जा सकता है वहां से 3 किमी पदयात्रा कर आप सलिहारी फाल पहुंच सकते हैं।सयहां जाने से पहले अपने साथ खाने पीने की चीजें भी साथ ले जाएं.