




धर्मजयगढ़ न्यूज़ — मोदी सरकार की सबसे महत्पूर्ण परियोजना से एक भारतमाला परियोजना को भी भ्रष्टाचार की चपेट में लेने से जिम्मेदारों ने कोई कोर कसर नहीं छोडा है। इसका जीता जागता उदाहरण विशाखापटनम से रायपुर परियोजना मै देखने को मिला इतना ही नहीं बल्कि बिलासपुर मै भी इसमें बड़े पैमाने मै भ्रष्टाचार किया गया कुछ दिनों पूर्व एक पटवारी ने अपने को निर्दोष बताते हुए मौत को भी मुंह लगा लिया,इसके बाद भी बिलासपुर कमिश्नर ने अब तक जांच टीम का गठन नहीं कर पाये।वही बात की जाए धर्मजयगढ़ परियोजना की तो यहां दो बार एलाइमेंट को बदला गया है। कर्नाटका पावर के कोल ब्लॉक की वजह से एलाइनमेंट बदल चुका है। नए एलाइनमेंट में भी लोगों ने मनमाने तरीके से शेड बना लिए हैं, ताकि पक्के निर्माण का मुआवजा मिल सके।

मुआवजा वितरण में फिर हो सकता है बड़ा खेल
वर्तमान में धर्मजयगढ़ के मेडरमार में चल रहे शेड निर्माण की सही ढंग से जांच की गई तो यहां भी बड़े पैमाने मै सरकार के पैसे को भ्रष्टाचार की भेट चढ़ने से रोका जा सकता है।
आखिर इस शेड निर्माण की किन किन विभागों से ली गई है अनुमति
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर सड़क का एलाइमेंट चेंज होते ही एका एक शेड निर्माण का कार्य व्यापार के लिए किया जा रहा है या फिर मुआवजा पाने का नया तरीका क्या संबंधित ग्राम पंचायतों की अनुमति ली गई,
क्या अन्य संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त की गई, क्या विद्युत विभाग से कनेक्शन प्राप्त किया गया है,जमीनों का डायवर्शन किया गया या नहीं जैसे अनेकों सवाल जो जांच के प्रमुख बिंदु हो सकते है। जो प्रमाणित कर सकते हैं कि यह शेड निर्माण शासन को आर्थिक क्षति के साथ साथ भ्रष्टाचार करने के लिए अपना मार्ग बनाए खड़े है।

वही कुछ दिनों पहले ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धनराज मरकाम ने मीडिया की सूचना पर स्थल निरीक्षण किये जहां उन्होंने पाया की लगभग 18 किसानों ने शेड निर्माण कर चुके हैं जिस पर आगे जांच कर आगे कार्यवाही की बात कही है।इतने बड़े पैमाने मै हो रहे बिना परमिशन इस निर्माण को भी अवैधानिक बताया है जो जांच का विषय है।