




- जले हुए स्टॉक से दे रहे कंपनियों को कोयला, पूर्व में फ्रेश स्टॉक को 100 रुपए प्रति टन लेकर देने की मिल रही जानकारी
रायगढ़। एसईसीएल की छाल खदान में बड़ी लापरवाही सामने आई है। महीनों से रखे हुए कोयले के स्टॉक में आग लग गई है। कोयला समय पर डिस्पैच नहीं करने की वजह से ऐसा हुआ है। अब वहीं जला हुआ कोयला कंपनियों को दिया जा रहा है। सब एरिया मैनेजर की मनमानी से यह गड़बड़ी हुई है। गर्मी के सीजन में तापमान बढ़ने के साथ कोयला खदानों में एहतियात बढ़ जाती है। एसईसीएल की छाल खदान में सब एरिया मैनेजर की मनमानी से कोयले का स्टॉक राख होता जा रहा है। यहां महीनों से डंप पड़े स्टॉक में आग लग गई है। करीब 3 लाख टन कोयला स्टॉक में रखा हुआ है।अब जिन कंपनियों का डीओ है, उनको यही जला हुआ कोयला दिया जा रहा है। लोडिंग के समय भी गाड़ी में खराब कोयला डाला जा रहा है। कंपनी में जब कोयला डिलीवर हो रहा है तो गुणवत्ता खराब होने का कारण बताकर ट्रांसपोर्टर का पेमेंट काटा जा रहा है। एसईसीएल छाल खदान में यही कोयला उपलब्ध है। जी-12 और जी-16 ग्रेड का कोयला कई महीनों से डंप पड़ा हुआ है। पिछले दो-तीन दिनों में आग तेज हो गई है। अभी करीब एक लाख टन के डीओ पेडिंग हैं। कहा जा रहा है जो कंपनी कोयला लेने से इंकार कर रही है, उसके डीओ लैप्स हो रहे हैं
नया स्टॉक 100 रुपए में दिया
सूत्रों के मुताबिक बीच में खदान से नया स्टॉक निकालकर पुराने के ऊपर डाल दिया गया। 100 रुपए प्रति टन में कंपनियों को नया स्टॉक दे दिया गया। पुराने स्टॉक को छोड़ दिया गया। जी-12 के इस स्टॉक में आग लग गई है। धीरे-धीरे सैकड़ों टन कोयला राख होता जा रहा है। एक अप्रैल से आई नई ग्रेडिंग पॉलिसी में जी-12 ग्रेड अब जी-8 हो गया है। इसलिए अब इस कोयले को पुराने सिस्टम में उठवाना मुश्किल हो रहा है।
डेढ़ लाख टन के डीओ लैप्स
मिली जानकारी के मुताबिक छाल खदान में व्यवस्था चरमरा गई है। कोयले के स्टॉक में आग लगने के बाद उसे बुझाने की कोशिश नाकाम हो रही है। कई कंपनियां समयावधि में कोयला नहीं उठा सकी क्योंकि उनको अच्छा कोयला नहीं मिला। इस वजह से करीब डेढ़ लाख टन के डीओ लैप्स हो गए हैं।