




रायपुर: छत्तीसगढ़ की पहचान पूरे प्रदेश में कृषि प्रधान राज्य के तौर पर है। कृषि प्रधान राज्य होने के नाते यहां पहली बारिश के साथ कृषि कार्य शुरू हो चुका है, लेकिन इसी के साथ ही किसानों के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। प्रदेश के पटवारियों ने अपनी 32 सूत्रीय मांगों को लेकर 8 जुलाई से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
पटवारी संघ ने सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। उनकी मुख्य मांगों में ऑनलाइन काम के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, इंटरनेट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके साथ ही, ऑनलाइन एप भुइंया में नक्शा और बटांकन संशोधन को लेकर आने वाली तकनीकी समस्याओं को दूर करने के लिए जिले स्तर पर सहायक प्रोग्रामरों की पदस्थापना की मांग भी की गई है।
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा है कि भुइंया एप में आ रही कठिनाइयों को सुधारने का प्रयास जारी है और पटवारी संघ के कुछ नेता अपने एक साथी को बचाने के लिए आंदोलन की बात कर रहे हैं। पटवारी संघ ने 8-9 जुलाई को आंदोलन की चेतावनी दी है और उनकी 32 मांगों का एक चार्टर राजस्व मंत्री के सामने रखा गया है।
इस हड़ताल की खबर से किसानों में चिंता बढ़ गई है क्योंकि कृषि कार्य शुरू होने के साथ ही उन्हें पटवारियों की सहायता की जरूरत होती है। सरकार और पटवारी संघ के बीच इस मुद्दे का समाधान निकलना आवश्यक है ताकि कृषि कार्य प्रभावित न हो।