




जिन पर कार्यवाही की जिम्मेदारी वही झाड रहे पल्ला
घरघोड़ा – घरघोड़ा नगर के बस स्टैंड में रेस्टहाउस से लगे दोनो तरफ की भूमि राजस्व अभिलेख में छोटे झाड़ के जंगल के नाम पर दर्ज है उक्त भूमि पर आज से 15 वर्ष पूर्ण बिना अनुमति के नगर पंचायत घरघोड़ा द्वारा दोनों तरफ बिना शासन से अनुमति लिये शासन के लाखों रुपये की राशि से गुननवत्ताविहीन जर्जर काम्प्लेक्स का निर्माण कर दिया गया था यह तक कि नियमो को ताक में रख कर उक्त जर्जर काम्प्लेक्स से कुछ दुकानों का नीलाम कर आवंटन भी तीन लोगों को कर दिया गया आखिर जब उत भूमि नप घरघोड़ा के स्वामित्व की नही है तो निर्माण हुआ कैसे ओर नीलामी भी किस आधार पर की गयी जो कि आज भी जांच का विषय बना हुआ है यहां तक कि उन्हें आज तक दुकान नसीब नहीं हुआ है और न ही उनका पैसा वापस किया गया है।

घरघोड़ा जहाँ अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार बड़े बड़े अधिकारियों का कार्यलय है है ऐसे बड़े अधिकारियो के रहते बस स्टैंड के पास पीडब्लूडी गेस्ट हॉउस जहाँ बड़े नेता अधिकारी का आना जाना लगा रहता है किस आधार पर अवैध कब्जे को खुली छूट किसके संरक्षण में दी जा रही है।
पीएचई को आवंटित भूमि पर भी हो गया निर्माण
अब 15 साल बाद उक्त दुकानों का जिन्न फिर से बहार निकल कर आया जब कुछ लोगो द्वारा उक्त भूमि पर काम्प्लेक्स पर कब्जा करने बकायदा जेसीबी से सफाई कर दिन दहाड़े बालू व निर्माण सामाग्री गिरा रहे है और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बन तमसा देख रहा है जब पीएचई के अधिकारियों ने घरघोड़ा एसडीएम को पत्र जारी कर उनके अधिपत्य की भूमि पर अन्य प्रयोजन हेतु उपयोग में ना लिया जाये उक्त भूमि प्रयोगशाला हेतु उन्हें आवंटित है तब अनुविभागीय अधिकारी द्वारा घरघोड़ा नप अधिकारी को पत्र जारी किया जाता है की उक्त भूमि पीएचई को आवंटित है उक्त भूमि पर कोई भी वाणिज्य उपक्रम या अन्य कार्य ना कराये जाये ।
जबकि सवाल उठता है कि उक्त भूमि जब नप घरघोड़ा के स्वामित्व की ना होकर पीएचई व एक भाग राजस्व विभाग के छोटे झाड़ जंगल की भूमि है तब अवेध कब्जा धारियों पर कार्यवाही ना कर सारा पाला नप घरघोड़ा में डालने पत्र लिखना लोगो को हजम नही हो रहा है।

कलेक्टर अमित कटारिया ने दिया था तोड़ने का आदेश
रायगढ के तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया ने घरघोड़ा भृमण पर उक्त अधूरे जर्जर अवैध कॉम्प्लेक्स निर्माण पर नाराजगी जताते हुये इसे तोड़ने तत्कालीन राजस्व विभाग के अधिकारियों को आदेशित भी किया तब जेसीबी चला कर उक्त निर्माण को तोड़ा भी गया था ।
परन्तु अब फिर आख़िर किसकी शह पर पुनः अवैध कब्जे का खेल चल रहा है और राजस्व विभाग अन्य विभाग पर जिम्मेदारी थोप पल्ला झाड़ रही है।
आज वर्षो बाद दुकान आवंटन का खेल का पुराना जिन्न फिर से बोतल से निकलने कि बात जन चर्चा का विषय बना हुआ है
कांग्रेस कार्यलय के लिये भी किया गया था भूमि पूजन
पूर्व में उक्त शासकीय भूमि पर कांग्रेस कार्यलय भवन के लिए भूमि पूजन किया गया था समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारी व स्थानीय नेताओं को सफाई देना तक पड़ गया था और उक्त भूमि पुजन से सब अपना पल्ला झाड़ लिये थे।

अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि स्थानीय प्रशासन उक्त मामले को लेकर कोई कार्यवाही करता है या फिर इस तरह की कारिस्तानियो को संरक्षण दिया जाता है।
वर्जन
रेस्ट हाउस के दोनो तरफ बने अधूरे काम्प्लेक्स की भूमि का अधिपत्य नगर पंचायत घरघोड़ा को नही हुआ है और ना ही उक्त भूमि नगर पंचायत के स्वामित्व की है आपके माध्यम से कुछ लोगो द्वारा बेजा कब्जा की जानकारी आ रही उक्त मामले में नियमानुसार कार्यवाही कि जावेगी।
नीलेश केरकेट्टा
मुख्य नगर पालिका अधिकारी
नप घरघोड़ा
वर्जन
मेरे द्वारा इस प्रकरण पर नगर पंचायत सीएमओ को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। उचित कार्रवाई की जाएगी। किसी भी तरह का कोई भी अवैधानिक कार्य बर्दाश्त नही की जाएगी।
रमेश मोर, एसडीएम घरघोड़ा