




जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 15 से कई डीडीसी प्रत्याशी निकलकर सामने आए है जिसमें मुख्य तीन नाम शामिल है। महेन्द्र सिदार, रजनी राठिया और पुनीत राठिया। जिसमें से पुनीत राठिया पिछले 5 सालों से धरमजयगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष है। जिसके बाद वह इस चुनाव बीडीसी ना लड़कर डीडीसी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वही वह अपने आप में आस्वस्थ है की उन्हें जनता का अच्छा समर्थन मिलेगा। पर पिछले पांच सालों का कार्यकाल कुछ और ही बया करते हुए नज़र आ रहा है। अगर इनके कार्यकाल को ध्यान से देखा जाए तब ऐसी कोई ख़ास उपलब्धि नज़र नहीं आएगी जिसको देख जनता इनके पक्ष में आए। जनपद पंचायत अध्यक्ष की जिम्मेदारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है क्युकी पूरे जनपद क्षेत्र का विकास कार्य इन्ही के हाथों में होता है। अगर जनपद अध्यक्ष अपनी कर्त्तव्य का पालन करते हुए जनता की भलाई के लिए कार्य करें तब क्षेत्र में ऐसा विकास देखने को मिलेगा जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता पर विकास की नैया डामाडोल करते हुए ज़ब जिम्मेदार व्यक्ति जनता छोड़ अपने ही भलाई पर ध्यान दे तब क्षेत्र की जनता त्रस्त होंगी। ऐसा ही कुछ मामला धरमजयगढ़ क्षेत्र का भी है। ऐसे में जनता ने पिछले 5 साल जिस अध्यक्ष को अपने सेवा करने के लिए जिम्मेदारी दी थी अगर वही जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते तब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या जनता इनके दिए जख्मों को भूल पाएगी या फिर इसका बदला जनता चुनाव में प्रत्याशी का बहिष्कार करके लेगी। अगर ऐसा हुए तब इससे अन्य प्रत्याशियों को जबरदस्त फायदा होता दिखाई पड़ेगा।