धरमजयगढ़ न्यूज़ —– हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रथ यात्रा का एक विशेष महत्व रहा है। जिसे सदियों से हिंदू धर्म में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता आ रहा है। वही आज रथ यात्रा धर्मजयगढ़ के कोदवारीपारा गांव में संपन्न हुई । जिसमे बड़ी संख्या मैं ग्रामीण सहित स्थानीय जन सामिल हुवे।
जगन्नाथ रथ यात्रा में स्वयं प्रभु जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ नगर भ्रमण पर अपने विशाल रथों पर सवार होकर जाते है जहां वें अपनी मासी गुंडिचा माता के घर 8 दिन तक विश्राम करते है. जगन्नाथ पुरी श्री हरि भगवान नारायण के चार पवित्र धामों बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम में से एक है. जिसमें प्रभु बद्रीनाथ में स्नान करते है,
द्वारका में शृंगार एवं पुरी में भगवान भोजन प्रसाद ग्रहण करते है एवं रामेश्वरम में जाकर विश्राम करते है.यह पर्व पुरी में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जिसमें देश-विदेश से भक्त आते है, माना जाता है की रथ यात्रा से 1000 यज्ञ के बराबर का पुण्य मिलता है. इस रथ उत्सव में बहुत से रीति-रिवाज और प्रक्रिया भी होती है जिनकी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका है,