




दिनांक 23.05.2025को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, कापू में जिला प्रशासन रायगढ़ के सहयोग से एक विशेष तारामंडल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अद्वितीय कार्यक्रम का संचालन रायपुर की प्रतिष्ठित संस्था O2 प्लैनेटेरियम द्वारा किया गया, जिसमें 3D और 360 डिग्री व्यू के माध्यम से छात्रों को अंतरिक्ष और ब्रह्मांड की रोमांचक दुनिया से परिचित कराया गया।
बचपन से ही अंतरिक्ष और ब्रह्मांड मानव जिज्ञासा का केंद्र रहे हैं। इसी जिज्ञासा को और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन रायगढ़ द्वारा कापू संकुल के प्रतिष्ठित विद्यालयों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया। कार्यक्रम के लिए स्वामी आत्मानंद विद्यालय कापू को मुख्य केंद्र के रूप में चुना गया, जहाँ विद्यालय के प्राचार्य श्री बी. एन. प्रसाद के नेतृत्व में संकुल कापू, पत्थलगांव खुर्द एवं सोनपुर के सभी शासकीय एवं अशासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी विद्यालयों के विद्यार्थियों, शिक्षकों, पालकों एवं जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया।

कार्यक्रम में विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर को ध्यान में रखते हुए विभिन्न आयु वर्ग के लिए अलग-अलग विषयों की प्रस्तुति की गई। प्राथमिक स्तर के बच्चों को पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति, डायनासोर युग और उनके अंत के बारे में बताया गया। पूर्व माध्यमिक वर्ग को सौरमंडल के ग्रहों की विशेषताओं से अवगत कराया गया। हाई स्कूल के छात्रों को ब्लैक होल जैसी रहस्यमयी अंतरिक्ष घटनाओं की जानकारी दी गई जबकि हायर सेकेंडरी विद्यार्थियों को चंद्रमा पर पहुंचने की चुनौतियों और वहां जीवन की संभावनाओं पर आधारित 3D वीडियो के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में कुल 598 छात्र, 20 पालक एवं ग्रामवासी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर शाला विकास समिति के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी शर्मा, बी.डी.सी. सदस्य श्रीमती आसंती भानु टंडन, बी.डी.सी. श्री विनय शर्मा, ग्राम पंचायत कापू के उप सरपंच अंजू लहरे, पत्रकार श्री जगदीश कुर्रे सहित क्षेत्र के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के समस्त शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं की सराहनीय भूमिका रही। बच्चों ने इस अनुभव को अत्यंत रोमांचक और ज्ञानवर्धक बताया। इस पहल से न केवल छात्रों की अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा बढ़ी, बल्कि उन्हें विज्ञान और तकनीक के प्रति एक नई दृष्टि भी प्राप्त हुई। इस प्रकार का आयोजन ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के साथ-साथ छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक सिद्ध हो रहा है।