




- जून में कोयला मंत्रालय ने प्रक्रिया शुरू की थी, छग से 17 कोयला खदानों को किया है शामिल
रायगढ़, 20 अक्टूबर। कोल ब्लॉकों की नीलामी के दसवें चरण का जून में आगाज हुआ था। अब तक कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की गई थी जिनके खोलने की तिथि 21 अक्टूबर है। रायगढ़ के सात कोल ब्लॉकों समेत कुल 67 कोल ब्लॉकों को इसमें रखा गया है। पहले के राउंड से बचे हुए ब्लॉक भी इस बार फिर से सूचीबद्ध हैं। 2015 में कोल ब्लॉकों की कमर्शियल नीलामी प्रारंभ करने के बाद से अब तक 161 कोल ब्लॉक नीलामी या सीधे आवंटन के जरिए कंपनियों को दिए जा चुके हैं। इसमें से 58 को प्रोडक्शन परमिशन मिल चुकी है जबकि 54 से उत्पादन हो रहा है। केंद्र सरकार ने कोयला आयात को पूरी तरह से खत्म करने का रोडमैप सामने रखा है।

कोल इंडिया से दबाव हटाने के लिए ही कमर्शियल माइनिंग की अनुमति दी जा रही है। कोयले की उपलब्धता पर्याप्त हो, इसके लिए नए कोल ब्लॉक नीलामी के लिए रखे जा रहे हैं। अब नीलामी के दसवें राउंड के लिए बोली लगाने का समय आ गया है। दसवें राउंड की सूची में कुल 61 माइंस शामिल किए गए हैं। उनमें से 15 छत्तीसगढ़ के हैं। इसके अलावा नौवें राउंड में बचे हुए पांच कोल ब्लॉक और आठवें राउंड के एक कोल ब्लॉक को पुन: रखा गया है। कंपनियों से बिड मंगवाई गई थी। 21 अक्टूबर को टेक्निकल बिड खोली जानी हैं। इसमें पता चल जाएगा कि किस माइंस के लिए किस कंपनी ने रुचि दिखाई है। इसके बाद बिड का वेरीफिकेशन होगा। तब जाकर 8 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन किया जाएगा।
रायगढ़ में सात नई खदानों का बोझ
पहले ही करीब 14 कोयला खदानों से हो रहे उत्पादन और परिवहन की वजह से रायगढ़ जिला कराह रहा है। अब सात नए कोल ब्लॉक भी नीलाम होने जा रहे हैं। छग से जिन 17 कोल ब्लॉक को शामिल किया गया है, उससे रिजर्व फॉरेस्ट ही अधिक प्रभावित होगा। हिंडाल्को द्वारा सरेंडर की गई गारे पेलमा 4/5 माइंस भी है। करीब छह माइंस ऐसी हैं जिनके लिए भू-अर्जन नहीं हो सका है। अब ये सात नए कोल ब्लॉक आवंटित होने जा रहे हैं। इसके बाद हाथी प्रभावित क्षेत्र में जंगलों का विनाश होना तय है।