




छत्तीसगढ़ में एसीबी ने कल चार कार्यवाही की भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ ये मुहिम आगे भी जारी रहेगी। क्योंकि छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस के सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना जरूरी मानती है।
रायपुर न्यूज़—- छत्तीसगढ़ की एसीबी ने कल भ्रष्ट और रिश्वतखोरों के खिलाफ मुहिम चलाते हुए चार सरकारी मुलाजिमों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। राज्य बनने के बाद या पहला मौका होगा जब एसीबी ने एक दिन में चार-चार कार्यवाहियां की वह भी तब जब एसीबी और ईओडब्लू का पूरा सिस्टम महादेव सट्टा एप समेत कई जांचों में उलझा हुआ है।
*एसीबी को फ्री हैंड*
गुड गवर्नेंस के लिए सरकार ने ईओडब्ल्यू और एसीबी को फ्री हैंड दे दिया है ।सरकार में भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ कोई मुरोबत ना करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। हालांकि कहने के लिए ईओडब्ल्यू और एसीबी राज्य की स्वतंत्र जांच एजेंसी है। उसे अपने हिसाब से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है ।मगर यह सिर्फ कहने के लिए है ।बिना सरकार से इजाजत लिए एसीबी का कोई कार्यवाही नहीं करती। राज्य सरकार ऐसा चाहती भी नहीं की ईओडब्ल्यू और एसीबी ताकतवर होकर कारवाइयां करें। अलबता, राजस्थान मैं ईओडब्ल्यू और एसीबी इतना सक्षम है कि आईएएस ,आईपीएस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लेती हैं मगर छत्तीसगढ़ में पटवारी ,डिप्टी रेंजर से ऊपर नहीं उठ पाते ,पिछले 5 साल में ईओडब्ल्यू एसीबी के हाथ पैर बांध दिए गए थे ।आलम यह रहा की 5 साल में एसीबी और ईओडब्ल्यू ने पांच कारवाहिया नहीं की।
छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने 2005 बैच के आईपीएस अमरेश मिश्रा को एनआईए के डेपुटेशन से आनन फानन में वापस बुलाया, तभी लग गया था कि सरकार करप्शन के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करना चाहती है। अमरेश को केंद्रीय मंत्री अमित शाह से सिफारिश लगाकर रातों-रात उनकी वापसी पर दसखत कराया गया ।अमरेश ने ज्वाइन करते ही ईओडब्ल्यू व और एसीबी को रिचार्ज कर दिया। शराब घोटाले ,महादेव ऑनलाइन सटा अप में कई गिरफ्तारियां की बल्कि अब भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ भी मुहिम शुरू कर दी है। उन्होंने ईओडब्ल्यू और एसीबी का ईमेल और हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों से शिकायतें भ्रष्ट और रिश्वत मांगने वाले सरकारी कर्मचारियों तथा अधिकारियों की शिकायत दर्ज कराने कहा है।