




रायगढ़। छत्तीसगढ़ की वीवीआईपी सीटों में से एक रायगढ़ संसदीय सीट पर सबकी नजर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व वित्त मंत्री ओपी चौधरी के रायगढ़ संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने की वजह से इस सीट का वजन स्वत: बढ़ गया है। चुनाव प्रचार-प्रसार के नजरिये से कांग्रेस, भाजपा से फिलहाल पीछे चल रही है। बीजेपी ने जिन सीटों पर कांग्रेस विधायक काबिज हैं, उसके लिये ठोस रणनीति बनाई है। भाजपा का खरसिया, लैलूंगा, धरमजयगढ़, व सारंगढ़ विधानसभा सीट पर ज्यादा फोकस है। चूंकि राधेश्याम राठिया धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिये संगठन को लैलूंगा व धरमजयगढ़ सीट पर चुनावी संभावनाएं अनुकूल नजर आ रही हैं।लोकसभा चुनाव के लिये प्रचार-प्रसार आहिस्ता-आहिस्ता तेज होने लगा है। रायगढ़ लोकसभा सीट पर बार की तरह इस बार भी भाजपा कांग्रेस के बीच सीधी भिडं़त है। भाजपा पीएम मोदी की गारंटी, राम मन्दिर के मुद्दे पर जोर लगा रही है तो वहीं, कांग्रेस दमन, महंगाई सरीखे मुद्दों पर से मतदाताओं को आकर्षित करने की जुगत में है। रायगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा, कांग्रेस के परंपरागत व प्रतिबद्ध वोट बैंक पर सेंध लगाने की फिराक में है। इस व्यूह रचना के मुताबिक भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया खरसिया, धरमजयगढ़ व सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र में धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने लैलूंगा सीट को टारगेट किया हैभाजपा नेतृत्व ने खरसिया, लैलूंगा, धरमजयगढ़, रायगढ़ व सारंगढ़ विधानसभा सीट से कम से कम डेढ़ लाख वोटों की लीड का लक्ष्य निर्धारित किया है। बीजेपी, सधी हुई रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जिन मतदान केंद्रों में बढ़त मिली थी, बीजेपी ने बूथवार अटैक करने की रणनीति बनाई है। वहीं, बीजेपी का मानना है कि इस बार उरांव, गोड़, सतनामी, सारथी व चौहान समाज के वोटों को आसानी से साधा जा सकता है। दूसरी ओर श्रीमती मेनका देवी सिंह ने चुनाव प्रचार अभियान का आगाज कर दिया है। पुराने आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा के मुकाबले कांग्रेस कमजोर नजर आती है मगर चुनाव में अक्सर कई बार भविष्यवाणियां गलत साबित हो जाती है।