




धरमजयगढ़ न्यूज़— एक जुलाई से लागू हुवे नए कानून के विषय मैं आज थाना धर्मजयगढ़ के द्वारा स्थानीय मंगल भवन मैं थाना प्रभारी कमला पुशाम ठाकुर द्वारा विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।वही देश में आज से 3 नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। आज तक देश में भारतीय संविधान के तहत मान्यता प्राप्त भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (1872) कानून लागू थे।किसी भी तरह के अपराध के लिए इनके तहत किए गए सजा के प्रावधान लागू होते थे।

आज से इन तीनों कानूनों की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो गए हैं। इनके लागू होते ही कुछ अपराधों की परिभाषाएं और उनके लिए सजा के प्रावधान भी बदल गए हैं। आइए जानते हैं कि आज 1 जुलाई से देश मे कानून व्यवस्था में क्या-क्या बदल गया और अब किस अपराध के लिए कितनी सजा होगी?
BNS में धाराएं घटाई गईं, नए अपराध जोड़े गए
भारतीय न्याय संहिता (BNS) में IPC की धाराएं 511 से घटाकर 358 धाराएं रह गई हैं। BNS में 21 नए अपराध जोड़े गए हैं। 41 अपराधों में कारावास की अवधि बढ़ाई गई। 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया। 25 अपराधों में न्यूनतम सजा की शुरुआत की गई है। 6 अपराधों में सजा स्वरूप सामुदायिक सेवा की शुरुआत की गई है और 19 धाराएं हटा दी गईं है।

BNSS और BSA कानून में यह सब बदलाव हुए
CRPC में 484 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में 531 धाराएं हैं, जिनमें से 177 धाराओं में बदलाव किया गया है। 9 धाराएं और 39 उपधाराएं और जोड़ी गई हैं। 14 धाराएं हटाई गई हैं। 166 धाराओं वाले भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 170 धाराओं वाले भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) से बदला गया है। इसमें 24 धाराओं में बदलाव हुआ है। 2 नई उप-धाराएं शामिल की गई हैं। 6 धाराओं को हटा दिया गया है।
पीड़िता महिलाओं के बयान दर्ज करने से जुड़े नए नियम
तीनों नए कानूनों के तहत अपराध पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज करने को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। दुष्कर्म पीड़िता के बयान अब उसके परिजनों या रिश्तेदार के सामने दर्ज किए जाएंगे। बयान महिला पुलिस अधिकारी ही दर्ज कराएगी। महिलाओं के खिलाफ हुए कुछ अपराधों में पीड़िता के बयान महिला मजिस्ट्रेट ही दर्ज करेगी। अगर महिला मजिस्ट्रेट न हो तो पुरुष मजिस्ट्रेट बयान दर्ज करा सकेगा, लेकिन उस समय किसी महिला पुलिस अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी। दुष्कर्म पीड़िता के बयान ऑडियो-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी दर्ज किए जा सकेंगे।
दुष्कर्म या धोखा पीड़ितों को लेकर भी बदले कानून
नए कानूनों के तहत दुष्कर्म पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के अंदर जमा करानी होगी। पीड़ित महिला को निशुल्क उपचार कराने का अधिकार मिल गया है। वहीं पीड़िता को 90 दिन के अंदर उसके केस का अपडेट देना होगा। अब महिला को शादी करने का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना और फिर शादी करने से मुकर जाना अपराध होगा। ऐसा करने वाले को 10 साल की सजा हो सकती है। नौकरी और अपनी पहचान छिपाकर शादी करना अपराध होगा। शादीशुदा महिला को प्रेम जाल में फंसाना अपराध होगा, लेकिन अब अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध नहीं होगा।
कानून के दायरे में आए ट्रांसजेंडर
3 नए कानून लागू होने के बाद लिंग की परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर लोग भी शामिल हो गए हैं। इससे अपराध के क्षेत्र में कानून के तहत भी सभी को समानता का अधिकार मिल गया है। अब ट्रांजेंडर्स को भी इंसाफ मिलेगा।
बच्चों और नाबालिगों के लिए भी बदले नियम
नए कानूनों के तहत बच्चों के खिलाफ अपराध की परिभाषा भी बदल है। नए नियम काफी कड़े बनाए गए हैं। जैसे अब बच्चों की खरीद फरोख्त जघन्य अपराध होगी। बच्चों को खरीदने या बेचने को जघन्य अपराध मानकर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। नाबालिग बच्चियों-लड़कियों से दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म करने पर मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया है। कुछ मामलों में उम्रकैद की सजा भी हो सकती है।
ये रहे मौजूद
वही आज के इस कार्यक्रम मैं ग्रामीण क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामगोपाल करियारे ,एसडीएम डीगैस पटेल ,एसडीओपी सिद्धार्थ तिवारी,तहसीलदार भोजराम डहरिया,नायब तहसीलदार , मंजू मिश्रा ,नगर पंचायत की अध्यक्ष तरुणा श्याम साहू, उपाध्यक्ष टार्जन भारती, मंडल भाजपा के गोकुल यादव,टीकाराम पटेल, विजय अग्रवाल ,विजय यादव सहित जनप्रतिनधि ,नगर के जागरूप नागरिक ,पत्रकार साथी बड़ी संख्या मैं इस कानून को जानने , समझने के लिए सामिल हुवे।
