




धरमजयगढ़ न्यूज़—— प्रबंधन ने गंभीर रूप से दुर्घटना में घायल मध्यप्रदेश के ड्राइवर मजदूरों को स्थानीय थाने मैं बिना सूचना दिए,पत्थलगांव अस्पताल में प्राथमिक उपचार कर मामले को रफा दफा करने लेबर ड्राइवर को बाहर भेजने की कर रहें तैयारी।शिवम कंस्ट्रक्शन के प्रबंधक द्वारा जानबूझकर तथ्यों को छुपाया जा रहा है।ताकि पूरा मामला रफा दफा हो जाए।।
बता दें अन्य राज्य की खेती-किसानी कार्य के लिए पंजीकृत व उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली से प्लांटो में निर्माण सामग्री सरिया लोहा ढोया जा रहा है। साथ ही दुर्घटना घटित होने के बाद ना तो नजदीकी थाने में इसकी सूचना दी जा रही है ना ही बाहरी लोगो के आने की सूचना नजदीकी थाने में दर्ज कराई जा रही है.
आपको बता दे ये घटना धरमजयगढ़ के भालू पखना में चल रहे प्रोजेक्ट में चल रहे शिवम कंट्रकशन की है.जहां सोमवार की सुबह एमपी के एक कृषि कार्य का ट्रेक्टर जो प्लांट में सरिया लादकर उपयोग किया जा रहा था वो ट्रेक्टर पलट गई जिसमे सवार तीन मजदूर बूरी तरह घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए पत्थल गांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं इस दुर्घटना की सूचना नजदीकी पुलिस चौकी रैरुमा को भी नही दी गई।बता दें शिवम कंस्ट्रक्शन द्वारा बाहर से लेबर लाकर श्रम विभाग से बिना पंजीयन के अवैधानिक तरीके से प्लांट में कार्य करवाया जा रहा है।
जो जांच का विषय है ग्रामीणों की माने तो प्लांट में बहुत ही नियम विपरीत कार्य हो रहे हैं,इसमें कहीं न कहीं,श्रम विभाग के अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं जो की प्लांट में बाहर से लाए हुए मजदूरों की जांच नहीं करते हैं।प्लांट में यह भी देखा गया की,मजदूरों को बिना सेफ्टी के जोखिम भरे कार्य करवाए जा रहे हैं।यहां प्रबंधन द्वारा मजदूरों को न तो हेलमेट दिया गया है,और न ही जूते प्रदान किए गए हैं।ऐसे में मजदुर घायल होते हैं या उन्हें जान माल की नुकसानी होती है ,तो इसकी पूरी जवाबदारी कंपनी प्रबंधन की होगी।।लेकिन कंपनी प्रबंधन,प्लांट मैनेजर और पेटी ठेकेदार ,शिवम कंस्ट्रक्शन अपनी जिमेंदारियों से पूरी तरह भागते दिख रहे हैं।
ऐसे आलम में देखने वाली बात होगी की इनके कारनामे मिडिया में प्रकाशित होने के बाद प्रशासन इन पर क्या कार्यवाही करती है।।श्रम विभाग मजदूरों के प्रति कितना गंभीर है यह भी देखने वाली बात होगी!!बरहाल थाने मैं जानकारी नहीं होने से अब तक इनके ऊपर करवाही नही हो पाई है अब देखना है की स्थानीय मीडिया मैं समाचार प्रकाशित होने के बाद रैरुमा चौकी प्रभारी इसे संज्ञान मैं लेते हुवे इनके ऊपर क्या ठोस करवाही करते है क्योंकि सूत्रों से मिल रही जानकारी अनुसार बाहर से आए मजदूरों व अन्य लोगो का स्थानिय चौकी मैं सूचना है या नहीं वही दुर्घटना ग्रस्त ट्रैक्टर का वैध परिवहन सहित अन्य कागजात है या नहीं ये जांच का विषय है।
वही इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी रैरूमा चौकी प्रभारी मनीष कांत को भी नही है।अब आगे देखना होगा की पुलिस और श्रम विभाग इन पर क्या करवाही करती है।वही शिवम कंपनी के प्रबंधक ने भी मीडिया को भ्रमित जानकारी दी जिसे पीड़ित मजदूरों ने अपनी आप बीती मीडिया के सामने बताया।