





धरमजयगढ़ न्यूज़ — शक्ति की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो गया है. 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है . आमतौर पर नवरात्र का पर्व 9 दिन तक मनाया जाता है, लेकिन इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन होने के कारण 10 दिन तक नवरात्र मनाया जाएगा. नवरात्र के पहले दिन घट व कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि कलश स्थापना से घर में देवी का आगमन होता है और देवी मां अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. वही आज के इस कलश यात्रा में महिलये बड़ी संख्या में शामिल हुई कर्मा नृत्य के साथ कलश यात्रा नीचे पारा दुर्गा पंडाल से प्रारंभ होकर मांड नदी के तट पहुंच पूजा अर्चना का वापस हुई.
स्थापना का शुभ मुहूर्त : पंडित वासुदेव महाराज ने नवरात्र की महत्व को बताने के साथ ही घाट व कलश स्थापना की विधि के साथ ही सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त के बारे में विस्तार से दी जानकारी है. महाराज ने बताया कि शारदीय नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रा में देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और हर दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है. वही समिति के अध्यक्ष बजरंग अग्रवाल ने जानकारी दी है कि 9 दिनों तक होने वाली है पूजा अपने आप में एक विशेष है वहीं नित्य प्रतिदिन होने वाले भंडारा में लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं सभी के सहयोग से होने वाला यह आयोजन लोगों ले लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. वहीं उन्होंने सभी नगर वासियों से आह्वान किया है कि माता रानी की पूजा भोग भंडारा में आवश्यक रूप से शामिल हो.







