धर्मजयगढ़ न्यूज़—-छठ पर्व की शुरुआत 5 नवंबर से ही हो गई थी. आज छठ का तीसरा दिन है. ऐसे में इस त्योहार पर सूर्य देव की पूजा की जाती है. आज यानी छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देना बहुत शुभ माना जाता है।
गुरूवार शाम को छठ पूजा के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया से मनोरथ पूर्ण होने की कामना की, कल सुबह घाट में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजन पूर्ण करेंगे। सुबह शहर के घाट में भारी संख्या में लोगों की पहुंचने की उम्मीद है।
इसके लिए पहले से ही तैयारियां की जा रही थी।नव युवकों द्वारा घाट पर साफ-सफाई के साथ-साथ लाइटिंग , व रास्ते की बेहतर व्यवस्था पर काम किया गया है, छठ पूजा पर पहले दिवस से नहाए खाए से शुरू होकर दूसरे दिन सुबह महिलाएं खरना में निर्जला उपवास रखती हैं।
शाम को अलग चूल्हे में खीर और रोटी बनाकर खाते हैं। इसके बाद अगले दिन भर निर्जला उपवास रहकर संध्या को सूर्य को अर्घ्य देती हैं। उसके अगली सुबह श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देकर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है।
हम डूबते सूर्य को जल क्यों चढ़ाते हैं?
ऐसा माना जाता है कि शाम के समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ निवास करते हैं. ऐसे में छठ पूजा के दौरान शाम के समय सूर्य की आखिरी किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य दिया जाता है और पूजा की जाती है. कहा जाता है कि डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से भी राहत मिल सकती है.
वही इस पूरे कार्यक्रम की व्यस्तथा में युवा समिति के रमेश ठाकुर,गोलू रवानी,राहुल ,अनिल शर्मा, विपिन अग्रवाल,अजय गुप्ता, भगवान सिंह,संतोष ठाकुर सहित अन्य सभी सदस्यों की महत्पूर्ण भूमिका रही।जिनके कार्यों की काफी सराहना की जा रही है।