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1300 किसानों को मिलेगा लाभ, एक वर्ष हेतु आदिम जाति सेवा सहकारी समिति को सौंपी गई जिम्मेदारी…!
धरमजयगढ़। पुनर्वास नीति के तहत प्रदाय की गई किन्तु वर्षों से परित्यक्त भूमि पर आखिरकार प्रशासन ने निर्णायक कदम उठाया है। तहसीलदार हितेश साहू की जांच उपरांत ग्राम धरमजयगढ़ कॉलोनी, पटवारी हल्का नंबर 33 स्थित खसरा नंबर 394/1 रकबा 2.023 हेक्टेयर भूमि को शासन ने अपने कब्जे में लेकर एक वर्ष हेतु कृषि व्यवस्था के लिए आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित, धरमजयगढ़ को सौंपा है।
बता दें तहसीलदार धरमजयगढ द्वारा पारित आदेशानुसार यह भूमि मूलतः भखनीरानी पिता कशिश्वर विश्वास को जीवनोपार्जन हेतु सात एकड़ के अंतर्गत प्रदान की गई थी। मगर बीते कई वर्षों से न तो उनका कोई वारिस सामने आया और न ही स्वयं भूमि पर उनका अता-पता मिला। फलस्वरूप भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 176 के प्रावधानों के तहत इसे परित्यक्त भूमि घोषित करते हुए शासन ने कब्जा ले लिया।
अब इस भूमि पर सहकारी समिति के माध्यम से धान खरीदी एवं कृषि व्यवस्था संचालित की जाएगी। अनुमान है कि इस पहल से क्षेत्र के लगभग 1300 किसान लाभान्वित होंगे। साथ ही धान खरीदी के दौरान मुख्य मार्ग पर लगने वाले जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
और वहीं तहसीलदार के आदेश के बाद राजस्व अमले को भूमि का कब्जा समिति को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में ऐसी कई अन्य भूमियाँ भी हैं, जो लंबे समय से ऐसी पड़ी हुई हैं। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही उन्हें भी सरकारी अभिरक्षा में लेकर कृषि उपयोग हेतु उपलब्ध कराया जाएगा।
इस कार्यवाही ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है.







