




रायगढ़। जिले के भूपदेवपुर क्षेत्र के ग्राम नहरपाली में संचालित मोनेट कंपनी के जेएसडब्ल्यू के रूप में विलय होने के बाद आसपास के दर्जनभर गांव के हजारों ग्रामीण अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कंपनी के लिए भू-अर्जन के कारण अपनी रोजी रोटी व कृषि भूमि को खो चुके इन ग्रामीणों ने अब कंपनी की वादाखिलाफी, प्रदूषण और मनमानी के खिलाफ विरोध का झंडा उठाते हुए पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जेएसडब्ल्यू के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन व आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है। इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस से झूमाझटकी भी हुई।कुछ दिन पहले ग्राम पंचायत भूपदेवपुर, बिलासपुर, रक्शापाली, बड़े जामपाली, दर्रामुड़ा, नहरपाली के जनप्रतिनिधि सरपंच व गांव के अन्य ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया था। ज्ञापन में कहा गया था कि पूर्व में यहां संचालित मोनेट कंपनी द्वारा भू-अर्जन से प्रभावित लैंड लूजरों को स्थाई नौकरी देने का आश्वासन कंपनी की ओर से दिया गया था। इसी तरह गोदनामा लिए गए 9 ग्रामों में विकास के कार्य, प्रदूषण पर नियंत्रण और ग्रामवासियों की सुविधाओं के लिए सीएसआर मद से विकास के काम करवाने के लोक लुभावन वादे तो किये गए, मगर कंपनी के मालिक ने बीच में ही इस कंपनी को जेएसडब्ल्यू के हवाले कर दिया और ग्रामीणों की मांगे अधूरी की अधूरी रह गई।ग्रामीण बोले – वादों के अनुरूप हो विकास कार्य, प्रदूषण से हो रहे बीमार
ग्रामवासियों ने आरोप लगाया है कि जेएसडब्ल्यू के अधिकारियों से संपर्क करने पर उनके द्वारा मनमानी काम किया जा रहा है और लैंड लूजरों को उनकी मांग के अनुरूप नौकरी नहीं दी जा रही है। इन प्रभावित ग्रामों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जेएसडब्ल्यू कंपनी पर क्षेत्र में प्रदूषण परोसने और धुल-धुंए और डस्ट के कारण सांसों की बीमारी का फैलाव होने और कंपनी के मेनगेट के आसपास डस्ट के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं घटित होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व में भू-अर्जन के कारण प्रभावित भू-स्वामियों को कंपनी में अब न केवल स्थाई नौकरी दी जाए बल्कि उनके रिटायरमेंट के बाद उनके बेटों को भी स्थाई नौकरी में रखा जाए। इसी तरह कंपनी के द्वारा गोदनामा लिये गए 9 गांवों में पूर्व में किये गए वादों के अनुरूप विकास के कार्य पूरे किये जाएं। प्रदूषण पर स्थाई निंयत्रण के साथ-साथ पूर्व में निकाये गए कामगारों को भी रोजगार उपलब्ध कराया जाए।