





छत्तीसगढ़ टुडे 24 न्यूज़ -धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकास खण्ड भ्रष्टाचार में जिले में अब्बल साबित हो रहा है, हर दिन कोई न कोई भ्रष्टाचार का मामला उजागर हो रहा है, लेकिन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में असफल हो रहे हैं? ऐसा भ्रष्टाचारियों के कारण शासन को लाखों करोड़ों का राजस्व क्षति हो रहा है, और अधिकारी-कर्मचारी मजा मारने में मस्त नजर आ रहे हैं? ताजा मामला है जनपद पंचायत द्वारा निर्मित 5 दुकान का, 24 अक्टूबर को जनपद पंचायत के सभागार में खुली नीलामी की गई है, बोलने को तो यह नीलामी खुली थी। लेकिन हकिकत में नीलामी से पहले सब सेटिंग हो गया था, जिसके कारण शासन को लाखों का राजस्व क्षति हुआ है। एक-एक दुकान कम से कम 25 लाख रूपये में नीलामी होना था। लेकिन अधिकारी, नीलामीकर्ता और कुछ नीलामी के नाम पर नीलामी में भाग लेने वालों ने मिलकर मात्र 11 लाख में दुकान ले लिया है। हम आपकों बता दे कि कांग्रेस सरकार में भी ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ में सामने आया था, वार्ड क्रमांक 9 में शासकीय भूमि का नीलामी किया था। तब कुछ लोगों द्वारा नीलामी में भाग लेकर शासन को लाखों का चूना लगाने की कोशिश किया था। जिसकी शिकायत कलेक्टर रायगढ़ से करने पर नीलामी निरस्त करते हुए फिर से नीलामी करवाया गया था, जो जमीन 38 लाख रूपये में नीलामी हुआ था वहीं जमीन दूसरी नीलामी में 1 करोड़ रूपये में बिका था। ठीक उसी तरीके का एक खेल फिर खेला गया है दुकान नीलामी में।
मिली भगत का गजब खेल, आदिवासी दुकान 21 लाख में और सामान्य वर्ग की दुकान मात्र 11 लाख
अभी तक आप ने देखा सुना होगा की सामान्य वर्ग की भूमि दुकान अधिक दर पर बिक्री होते हैं, धरमजयगढ़ में अभी तक जीतने भी दुकानें नीलामी हुआ है सभी वर्गों में सबसे अधिक दर पर सामान्य वर्ग उसके बाद पिछड़ा वर्ग का ही दुकान नीलामी में जाता है पहली बार ही ऐसा हुआ कि आदिवासी वर्ग की दुकान सबसे अधिक दर पर नीलामी हुआ है। आप जानकर सोचने को मजबूर हो जायेंगे कि आदिवासी वर्ग का दुकान 21 लाख में और सामन्य वर्ग का दुकान 11 लाख में और पिछड़ा वर्ग का दुकान मात्र 10 लाख 50 हजार में नीलामी गया है।
काला धन को सफेद करने का खेला गया खेल
मजेदार बात है लोग काला धन को सफेद करने का भी कई तरीका ढूंढ लेते हैं। दुकान नीलामी में भी ऐसा ही किया गया है। 11 लाख में दुकान नीलामी लेकर कई लाख रूपये बांटा गया, मिली जानकारी अनुसार नीलामीकर्ता द्वारा सेटिंग में दुकान नीलामी में भाग लेने वालों को 50 और 75 हजार का चेक बांटा है ताकि कालाधन सफेद हो सके? ऐसे करके शासन को लाखों का चूना लगाया है।
कलेक्टर से होगा शिकायत
शासन को लाखों का राजस्व क्षति पहुंचाने के लिए मिली भगत कर नीलामी कराने के शिकायत कलेक्टर रायगढ़ से किया जायेगा। हम आपको बता दे कि ऐसा ही एक मामला पहले भी धरमजयगढ़ में हो चूका है, जिसकी शिकायत होने पर कलेक्टर रायगढ़ द्वारा पूर्व में किये गये नीलामी को निरस्त करते हुए फिर से नीलामी करने का निर्देश दिया था, कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम धरमजयगढ़ द्वारा फिर से नीलामी करवाये जाने पर जो जमीन मात्र 38 लाख में गया था। वहीं जमीन 1 करोड़ रूपये में नीलामी हुआ था। यदि कलेक्टर रायगढ़ द्वारा धरमजयगढ़ में हुए नीलामी को निरस्त करते हुए फिर से दुकान की नीलामी करवाते हैं तो शासन को लाखों का राजस्व लाभ होगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि कलेक्टर के साथ साथ वित्त मंत्री ओपी चौधरी एवं मुख्यमंत्री से भी शिकायत किया जायेगा।








