





धरमजयगढ़ न्यूज़ —- हिंदू सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ होता है। इस साल शारदीय नवरात्रि सितंबर माह की 22 तारीख से आरंभ हो रहा है जो की दस दिनों की होगी। यहां परंपरा है की नवरात्र में अपने कुलदेवी का प्रथम पूजा उदयपुर रियासत के राजा के द्वारा किया जाता है।इस वर्ष उदयपुर राजा श्रीमंत विजय प्रताप सिंह देव के उत्तराधिकारी श्रीमंत युवराज सिंह देव के द्वारा प्रथम पूजा किया गया। धरमजयगढ़ स्थित आदि शक्तिपीठ जगत जननी मां भगवती अंबेटिकिरा मंदिर की एक विशेष मान्यता है।

मां के प्रति लोगों की आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां दर्शन करने के लिए रायगढ़, अंबिकापुर, जशपुर,कोरबा,बिलासपुर, रायपुर सहित प्रदेश कोने-कोने से श्रद्धालु न सिर्फ पहुंचते हैं, बल्कि आस्था रूपी मनोकामना ज्योति कलश भी प्रज्वलित करवाते हैं. वही इस वर्ष ज्योति कलश की संख्या लगभग 1941 की है। 9 दिनों तक चलने वाली इस पूजा का अपना एक विशेष महत्व है. वही दर्शन के लिए प्रतिदिन लगभग सैकड़ो हजारों की संख्या में लोग यहां मत्था टेकने पहुंचते हैं, साथ ही साथ माता के भंडारे को भी श्रद्धालू ग्रहण करते हैं। वहीं समिति के सचिव टीकाराम पटेल ने बताया कि नवरात्रि पर्व में मनोकामना ज्योति प्रज्वलित कराने वालों में मध्यप्रदेश,राजस्थान, महाराष्ट्र,ओडिसा, झारखंड, बिहार,गुजरात,पश्चिम बंगाल,उत्तरप्रदेश में रहने वाले माता के भक्तजन प्रमुख हैं।इससे माता रानी के बढ़ते प्रताप का अहसास होता है।







