
- ओपन टेंडर करने के बजाय तीन फर्मों से कोटेशन मंगवाकर किया था क्रय, पूर्व आजाक सहायक आयुक्त के कार्यकाल में अनियमितता
रायगढ़, 22 जुलाई। आदिवासी बच्चों के लिए खोले गए एकलव्य आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई का तो पता नहीं लेकिन कुछ अफसर धनकुबेर जरूर बन गए हैं। नियमों के तहत और जरूरत के हिसाब से बच्चों के लिए जरूरी सामग्री क्रय करने के बजाय चुनिंदा फर्मों को लाभ पहुंचाया गया। रायगढ़ में चार एकलव्य स्कूलों में डेढ़ करोड़ रुपए इसी तरह खर्च कर दिए गए।एकलव्य स्कूलों में सामग्री क्रय करने में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। वर्ष 21-22 और 22-23 में मनमाने तरीके से किताबें, गणवेश, जूते, ब्लेजर आदि खरीदे गए। पहले 21-22 में तीन एकलव्य विद्यालयों के 720 छात्र-छात्राओं के लिए 5795 रुपए प्रति छात्र के मान से पाठ्यपुस्तकें खरीदी गईं। कुल 41,72,400 रुपए से खरीदी की गई। भंडार क्रय नियम के अनुसार खुली निविदा आमंत्रित की जानी थी लेकिन पूर्व सहायक आयुक्त ने तीन फर्मों से सीमित कोटेशन मंगवा लिए।
