




छाल न्यूज़— एक वक्त था जब कोयला तस्करी के मामलों में पुलिस प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन भी संजीदा हुआ करते थे ।परंतु अब कोयला खदानों में ही सेटिंग का खेल शुरू हो चुका है। यहीं वजह है कि न तो कोल माफियाओ पर न तो गाज गिरती है, और ना ही सेटिंग का खेल खेलने वाले कोयला खदानों के अधिकारी या कर्मचारी पर कार्यवाही नजर आती है। ऐसे में कोयला परिवहन करने वाले भी इसका फायदा उठाने से नहीं चूकते। ऐसे ही एक मामले में आज एसईसीएल छाल कोयला खदान से आज सुबह 40 टन कोयला चोरी होते-होते बज गई। जिसमें बड़े अधिकारियों पर गाज गिरने की बजाय महज खदान के गार्ड के ऊपर ही कार्यवाही की गाज गिराकर बड़े अधिकारी अपनी जान बचा रहे हैं । जबकि सुरक्षा गार्ड की न तो गलती थी और न ही जिम्मेदारी।
Contents
गौरतलब है कि छाल कोयला खदान से आज डंपर में 40 टन कोयला लोडिंग होकर एवं कांटा होने के बाद बगैर किसी दस्तावेज या आधिकारिक अनुमति के खदान से बाहर निकल रही थी। जिसमें बैरियर के नहीं खुलने से कोयला चोरी होने की बात पता चली और गाड़ी को तुरंत कब्जे में ले लिया गया।इस मामले में खास बात क्या है जिस कोयला चोरी की गाड़ी को बैरियर के नहीं खुलने से पकड़ लिया गया। इसमे कोयला लोडिंग करने से लेकर कांटा होने तक के जिम्मेदारी अधिकारियों की होती है और वह देखरेख में गाड़ी खदान से बाहर निकलती है परंतु उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय एसईसीसीएल के आला अधिकारी महज एक गार्ड के ऊपर कार्यवाही कर अपनी गर्दन बचा रहे हैं और मामले को लीपा पोती करने की कोशिश की जा रही है।कोयला चोरी के इस मामले में सूत्रों के माने तो बताया यह भी जा रहा है कि कोयला खदान के अंदर एक गाड़ी और भी है परंतु इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं होने कारण मामले घटना का रहस्य और भी गहरा गया है
गौरतलब है कि छाल कोयला खदान से आज डंपर में 40 टन कोयला लोडिंग होकर एवं कांटा होने के बाद बगैर किसी दस्तावेज या आधिकारिक अनुमति के खदान से बाहर निकल रही थी। जिसमें बैरियर के नहीं खुलने से कोयला चोरी होने की बात पता चली और गाड़ी को तुरंत कब्जे में ले लिया गया।
इसकी टोपी उसके सर
इस मामले में खास बात क्या है जिस कोयला चोरी की गाड़ी को बैरियर के नहीं खुलने से पकड़ लिया गया। इसमे कोयला लोडिंग करने से लेकर कांटा होने तक के जिम्मेदारी अधिकारियों की होती है और वह देखरेख में गाड़ी खदान से बाहर निकलती है परंतु उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय एसईसीसीएल के आला अधिकारी महज एक गार्ड के ऊपर कार्यवाही कर अपनी गर्दन बचा रहे हैं और मामले को लीपा पोती करने की कोशिश की जा रही है।
खदान में और एक गाड़ी की आशंका