




धर्मजयगढ़ न्यूज़—- नौ दिनों तक देवी आराधना के बाद शाम 5 बजे प्रतिमाओं का विसर्जन यात्रा शुरू हुआ। समितियों के लोग डीजे साउंड में नाचते गाते और जयकारे लगाते हुए विसर्जन यात्रा मैं शामिल हुवे। नीचे पारा समिति मां दुर्गा जी की अंतिम विसर्जन यात्रा मैं भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। माता के नौ रूपों के दर्शन भी झांकी मैं हुवे।ढोल, नगाड़े और कर्मा नृत्य के साथ यह यात्रा सिविल लाइन, दशहरा मैदान, बस स्टैंड, होते हुए मांड नदी के तट मैं विसर्जन किया गया।
आपको बता दे की धर्मजयगढ़ मैं दशहरा महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य में बस्तर के बाद सबसे बड़ा दशहरा पर्व धर्मजयगढ़ का माना जाता है,
जहां पर लाखों की संख्या में दूर दराज से लोग देखने के लिए शामिल होते हैं। वहीं दशहरा मैदान के रावण दहन को देखने के लिए जन सैलाब उमर पड़ा, 9 दिन तक चले पूजा पाठ सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों के बीच जन चर्चा का विषय बना रहा।
बस स्टैंड,पतरापारा सहित सभी पंडालों में समिति द्वारा नौ दिनों तक विशेष पूजा अर्चना की गई, सभी समितियों ने भंडारे के प्रसाद मैं खीर, पूड़ी ,हलवा और खिचड़ी का भोग लेने श्रद्धालु उमड़ पड़े। बस स्टैंड,दशहरा मैदान, पतरापारा समिति द्वारा विसर्जन यात्रा कल संध्या बैंड बाजा कर्मा सहित विशाल आतिशबाजी के साथ निकाली गई । जो नगर के मुख्य मार्गसे होता हुआ मांड नदीके तट पर विधि विधान से पूजा पाठ के साथ विसर्जित की गई।