





धरमजयगढ़ न्यूज़ — धरमजयगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा जमीन का महाघोटाला सामने आया है जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता द्वारा जिले के तेज तरार कलेक्टर के जन दर्शन में पहुंचकर की है. कुछ दिन पूर्व ही जहां एक और रायगढ़ जिले के बजरमुड़ा का मुआवजा घोटाला सामने आया था. जिसमे आरोपी तत्कालीन SDM को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। साथ ही मुआवजा घोटाले में शामिल आरआई, पटवारी समेत अलग-अलग विभागों के 7 कर्मचारियों पर FIR करने के आदेश दिए गए हैं। वही बात की जाये धरमजयगढ़ की तो यहाँ भी जमीनों के घोटाले मामलो मै तत्कालीन अधिकारी कर्मचारियों ने भी महारत हासिल की है! शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत मैं जिन बिंदुओं पर जांच की मांग की है उसमें प्रमुख भारत सरकार के पुनर्वास नीति के तहत बांग्लादेशी शरणार्थियों को जीवानोपार्जन के लिए दी गई 5 से 7 एकड़ की भूमि पर गैर रिफ्यूजी व्यक्तियों को किए गए आवंटन को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. जो निश्चित ही राजस्व की एक बहुत बड़ी क्षति तो है ही. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहां है की 1959-60 मैं भारत सरकार की पुनर्वास नीति के तहत
तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा धरमजयगढ़ तहसील मै बसाया गया था. जहां राजस्व अभिलेख में संबंधितो का R. R. क्रमांक भी दर्ज है. वही उस क्रमांक में तत्कालीन सरकार द्वारा परिवार के जीवनो उपार्जन के लिए 5 से 7 एकड़ का भूखंड सशक्त प्रदान किया गया था. वही उनके पुत्र एवं अन्य परिजनों के नाम भी जिनका वर्तमान राजस्व अभिलेख में कुल16. 4277 हैकटेयर लगभग 40.56 एकड़ भूखंड दर्ज है. जो की एक गंभीर जांच का विषय है वही संबंधित भूमि पर सागोन,आम, साल, महुवा व अन्य कई प्रजातियों के पेड़ लगे हैं जिसका भौतिक सत्यापन किया जाना भी एक जांच का विषय है.आपको बता दे कि यह क्षेत्र S. E. C. L. कोल ब्लाक के लिए प्रस्तवित है जहां मुआवजा पाने के लिए पुनर्वास नीति की धज्जिया उड़ाकर लोक सेवकों के मिली भगत से विधि विरुद्ध ढंग से ये खेल खेला गया है. प्रस्तावित जमीनों खसरा का विधि विरुद्ध ढंग से व्यवसाय प्रयोजन( डायवर्सन ) भी कर दिया गया है. हल्का पटवारी और तहसील कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से यह खेल रचा गया. वही शिकायतकर्ता नें उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए अवैधानिक रूप से प्राप्त पट्टे को निरस्त करते हुए कठोर कार्यवाही की मांग की है. बहरहाल शिकायतकर्ता की इस शिकायत में क्या कार्रवाई की जाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा पर यह तो निश्चित है कि मुआवजा के आड़ में धरमजयगढ़ के रिफ्यूजी भूमियो में भी बड़े पैमाने पर अवैधानिक रूप से जमीन में फर्जीवाडा किया गया है वही इस प्रकरण पर कार्यवाही को लेकर सब की नजरे बनी हुई है.








